Jakhm Itna Gehra Hai Izhaar Kya Kare. Ham Khud Nishan Ban Gy Oro Ka Kya Kare. Mar Gy Ham Magar Khuli Rahi Akhein. Kyuki Hamari Akhon Ko Unka Intezar Hai.
जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें।
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें।
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी।
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें।
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी।
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।
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